अब तो खतम राशन सारों, अब कैसे होवें गुजारो।। अब तो खतम राशन सारों, अब कैसे होवें गुजारो।।
भाई के घर उसकी सलोनी मुस्कान कर गयी सबको परेशान। भाई के घर उसकी सलोनी मुस्कान कर गयी सबको परेशान।
इस सोच में की कल क्या महँगा होगा, कल क्या महँगा होगा ? इस सोच में की कल क्या महँगा होगा, कल क्या महँगा होगा ?
आटा-चावल-दाल क्या, सत्तू तक है दूर महंगाई के खेल में, हिम्मत चकनाचूर // आटा-चावल-दाल क्या, सत्तू तक है दूर महंगाई के खेल में, हिम्मत चकनाचूर //
मोहब्बत करिश्मा है लगा जब से सीने लगा हूँ बदनाम होने लगा हूँ जब से उसे मिलने लगा हूँ मोहब्बत करिश्मा है लगा जब से सीने लगा हूँ बदनाम होने लगा हूँ जब स...
मजबूर है फंदे पर लटकने को किसान कर्जे के विशाल बवंडर के बोझ से आखिर कब होंगे आजाद हम मजबूर है फंदे पर लटकने को किसान कर्जे के विशाल बवंडर के बोझ से आखिर कब हों...